Saturday, August 23, 2014

पर्यटन: भारत की टॉप-10 झीलें जो देती हैं स्वर्ग सा नज़ारा

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ऑफिस से छुट्टी मिलते ही वीकएंड में कहीं ऐसी जगह घूमने का मन करता है, जहां आप प्राकृति को महसूस कर सकें। टूरिस्ट प्लेसेस तो बहुत हैं, पर घूमने का असली मज़ा झीलों के किनारे ही आता है। झील में पानी को बहते देखना और उसकी सुंदरता को घंटों निहारना बहुत ही सुखद अनुभव होता है। आप ऐसी जगहों पर खुल कर सांस ले सकते हैं और प्रकृति के नजदीक जीवन का असली सुख हासिल कर सकते हैं। अगर आप शांति और सुकून से घूमने का आनंद लेना चाहते हैं, तो हम आपको इंडिया की कुछ खूबसूरत झीलों के बारे में बता रहे हैं, जहां आप वीकएंड में आराम से घूम सकते हैं।

वुलर लेक: जम्मू-कश्मीर में स्थित एशिया की सबसे बड़ी और साफ पानी की झील है यह। यह 24 किमी लंबी है और चारों तरफ से पहाड़ों से घिरी हुई है। इस झील का पानी हरे रंग दिखता है। यहां कई प्रजाति की मछलियों मिलती हैं। यहां पर आपको काफी सारे पशु और पक्षी मिल जाएंगे। कश्मीर के हजारों लोग इस झील से मछली पकड़ने का काम करते हैं। इस खूबसूरत झील के अलावा यहां पर नागिन औैर डल झील काफी फेमस है। श्रीनगर के लिए दिल्ली से नियमित हवाई उड़ान हैं। ट्रेन से आप जम्मू तक जा सकते हैं। दिल्ली से जम्मू के लिए शालीमार एक्सप्रेस, जम्मू मेल, झेलम एक्सप्रेस जैसी अनेक गाडियां हैं। श्रीनगर में ठहरने के लिए अनेक तरह की व्यवस्था हैं। यहां के हाउस बोट को एन्जॉय करने के लिए भी काफी पर्यटक पहुंचते हैं। 
लोकटक झील,मणिपुर: लोकटक झील मणिपुर में स्थित ताजे पानी की सबसे बड़ी झील है। यह झील मणिपुर की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है। यहां से हाइड्रोपावर जेनरेशन से सिंचाई का पानी हासिल किया जाता है और यह पानी वाइल्ड वाइफ के लिए भी यूज़ किया जाता हैं। केइबुल लम्जाओ नेशनल पार्क में सभी तरह के पशु-पक्षियों को रखा गया है, जो मणिपुर में स्थित है। यह झील मणिपुर में खूगा नदी के पास स्थित है। लोकटक झील देखने में बहुत ख़ूबसूरत है। लोकटक झील तैरती झील के नाम से विख्यात है। इस झील में घनी जलीय घास के बड़े-बड़े हिस्से तैरते रहते हैं जिन्हें फुमडी के नाम से जाना जाता है। इन तैरती वनस्पतियों के कारण लोकटक झील को तैरती झील कहा जाता है। जलीय घास के ये हिस्से इतने बड़े होते है कि झील में बसने वाले मछुआरे उसमें अपनी झोपड़ी बना कर रहते हैं। बिष्णुपुर पहुंचने के लिए रेलमार्ग, रोड और हवाई जहाज से जा सकते हैं। बिष्णुपुर जाने का सबसे उचित समय अक्टूबर से फरवरी के बीच का होता है, क्योंकि इस समय यात्रा सुविधाजनक होती है।
दमदमा लेक,गुड़गांव: देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील हरियाणा में है। यह गुड़गांव से 25 किमी. आगे दिल्ली के नजदीक ही है। इसके नजदीक ही अरावली हिल्स है, जहां आप बोटिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, ट्रैकिंग और बंजी जंपिंग भी कर सकते है। दमदमा लेक पर बने सारस रिजॉर्ट में आने वाले टूरिस्टों के लिए ट्रैकिंग, कैमल राइडिंग, मैरी गो राउंड और खेलने के लिए बड़े लॉन बनाए गए हैं। इस जगह फुटबॉल, बैडमिंटन और क्रिकेट के लिए खास व्यवस्था की गई है। हरियाणा में इस झील के अलावा एक और फेमस झील सुखना झील है। यह झील चंडीगढ़ की अरावली हिल्स के बीच में बनी हुई है। गुड़गांव के राजीव चौक से सोहना-अलवर रोड पर चलेंगे तो रास्ते में भौंडसी पुलिस स्टेशन आएगा। स्टेशन के साथ वाले रोड से दमदमा लेक तक पहुंचा जा सकता है। सोहना कस्बे से भी दमदमा लेक पहुंचा जा सकता है। 
डल झील,श्रीनगर: डल झील  श्रीनगर में 'श्रीनगर का गहना' या कश्मीर के मुकुट के नाम से विख्यात है। डल झील  कश्‍मीर में दूसरी सबसे बड़ी झील है। यह सुरम्‍य झील 26 वर्ग किमी. के बड़े क्षेत्र में फैली हुई है जो श्रीनगर आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का मुख्‍य केंद्र है। डल झील इंडिया की सबसे खूबसूरत झील में से है। इस झील की खूबसूरती टूरिस्टों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां पर आप हाउसबोट या शिकारा पर बैठ कर सूर्योदय का आंनद ले सकते हैं। टूरिस्ट यहां आकर पानी में खेले जाने वाले गेम्‍स का भी मजा उठा सकते हैं, जिनका आयोजन यहां अक्‍सर किया जाता है। स्विमिंग, वाटर सर्फिंग, कायाकिंग, एंगलिंग और कैनोइंग  डल झील के प्रमुख वाटर गेम्‍स हैं। रेल या बस द्वारा पहले जम्मू पहुंचे। फिर वहां से श्रीनगर के लिए बस लेकर आप लेह रास्ते से होते हुए श्रीनगर पहुंच सकते हैं। श्रीनगर या जम्मू तक के लिए आप फ्लाइट भी ले सकते हैं। 
पिछोला लेक, उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर शहर में बनी पिछोला झील फ्रेश पानी के लिए फेमस है। उदयपुर एक बेहद ही खूबसूरत और रॉयल शहर है। यहां अरावली हिल्स के बीच में यह झील स्थित है। इस झील के अलावा यहां और भी कई झीलें हैं, इसलिए उदयपुर को झीलों का शहर कहा जाता है। राजसमन्द झील, उदयसागर झील  और जैसामन्द झील क्षेत्र की अन्य शानदार झीलों में से हैं। उदयपुर की सबसे फेमस झील पुष्कर झील है, जहां सबसे ज़्यादा टूरिस्ट आते हैं। यहां जाने के लिए आप सड़क, रेल या हवाई यात्रा कर सकते हैं। दिल्ली से काफी सारी ट्रेनें और बसें उदयपुर के लिए चलती हैं। दिल्ली से उदयपुर के लिए सीधी फ्लाइट भी है। 
गुरुडोंगमार लेक, सिक्किम: यह झील दुनिया की सबसे बड़ी झीलों में से एक है। सिक्किम अपनी खूबसूरत झीलों के लिए मशहूर है। कुछ झील काफी पवित्र मानी जाती है। सिक्किम में झील की एक पूरी सीरीज़ है जो दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए फेमस है। गुरुडोंगमार के अलावा त्सौम्गो झील जमी हुई झील के रूप में फेमस है, तो वहीं खेचियोपार्ली  झील विशिंग के लिए फेमस है। इस झील में टूरिस्ट अपने दिल की इच्छा पूरी करने के लिए यहां पर विश मांगते हैं। सिक्किम जाने के लिए फ्लाइट या ट्रेन से जा सकते हैं। न्यूजलपाईगुड़ी से गंगटोक का सफर सड़क मार्ग से करना होता है। बागडोगरा से गंगटोक तक हेलिकॉप्टर की सेवा भी उपलब्ध है। गंगटोक से मंगन होते हुए उत्तर सिक्किम में लाचेन पहुंचना होता है। लाचेन से एक रास्ता युमथांग और दूसरा गुरुडोंगमार जाता है। बस-टैक्सी सर्विस उपलब्ध है। 
चिल्का झील, उडीसा: ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थलों की भूमि उड़ीसा में एक प्राकृतिक नगीना चिल्का झील है। चिल्का भारत में सबसे बड़े तटीय लैगून है। इसे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी झील होने का गौरव हासिल है। चिल्का पर लैगून होने के कारण यह ओडिशा के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इस झील में खारा पानी फ्रेश पानी से कहीं ज़्यादा है। चिल्का झील के पास से आप प्राकृतिक नज़ारे देख सकते हैं। यहां पर आप फिशिंग, बोटिंग करने के साथ प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। चिल्का झील खास कर विदेशी पक्षियों के लिए फेमस है यहां हर साल लाखों पक्षी आते हैं। चिल्का की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान अक्तूबर और मार्च के महीनों के बीच होता है। इस दौरान यह जगह अनेक प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग बन जाती है। इसके अलावा, मौसम भी ठंडा रहता है। यहां का मौसम सुहावना रहता है। 
भीमताल झील, उत्तराखंड: इस झील को टूरिस्ट्स को आकर्षित करने का खिताब हासिल है। यह बेहद सुंदर और नैनीताल झील से बड़ी है। उत्तराखंड वैसे भी फूलों, हरी घास और झीलों के लिए फेमस है। प्राकृतिक साफ पानी की फेसम झील नैनीताल में है, जो पहाड़ों के बीच में स्थिति है नैनीताल की नैनी झील भीमताल से ज्यादा सुंदर है, पर भीमताल की ये झील अपने आप में कम सुंदर नही है। यह काफी बड़े एरिया में फैली है और खास बात ये है कि इसका सौन्दर्यीकरण काफी सलीके से किया गया है। इसके चारो ओर सड़क बना दी गयी है। आधी झील से तो मेन रास्ता ही गुजरता है और यहीं पर एक प्वाइंट बना है। आप दिल्ली से बस ले सकते हैं। अल्मोड़ा, रानीखेत और बद्रीनाथ से नैनीताल के लिए डीलक्स और नॉन डीलक्स बसें जाती हैं। दिल्ली से आप सीधी नैनीताल की ट्रेन ले सकते हैं और फ्लाइट से भी आप नैनीताल जा सकते हैं। 
वेम्बानद झील, केरल: वेम्बानद झील भारत की सबसे लंबी और सुंदर झील है। यह झील केरल में है जिसे भगवान का स्थल कहा जाता है। इस झील का प्रमुख आकर्षण हाउसबोट और स्नेक रेस है। यह रेस हर साल अगस्त के महीने की जाती है। केरल में इस झील के अलावा दूसरी झील सस्थाम्कोट्टा झील को भी 'झीलों की रानी'  के रूप में जाना जाता है। इस झील में सबसे साफ पानी रहता है। वेम्बानद झील एक आकर्षक पिकनिक स्थल भी है। यह झील बैकवाटर पर्यटन स्थल के रूप में तेजी से विकसित हो रही है। यहां बोटिंग, फिशिंग और साइटसीइंग के अनुभवों का आनंद लिया जा सकता है। कुमारकोम कोच्चि एयरपोर्ट से 70 किमी.की दूरी पर स्थित है। भारत के प्रमुख शहरों और विदेशों से यहां के लिए सीधी फ्लाइट है। कोच्चि एयरपोर्ट से बस या टैक्सी के माध्यम से कुमारकोम पहुंचा जा सकता है। कोट्टायम नजदीकी रेलवे स्टेशन है। कुमारकोम से कोट्टायम की दूरी 14 किमी.है। कुमारकोम के निकट कोट्टायम विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा राज्य के प्रमुख शहरों से जुड़ा है। 
अपर लेक, भोपाल: झीलों के शहर भोपाल में एशिया की सबसे बड़ी आर्टिफिशियल झील है। लोकल स्तर पर इसे बड़ा तालाब के नाम से जाना जाता है। इसी झील से शहर में पीने के पानी की व्यवस्था की जाती है। भोपाल में 17 झीलें हैं, जिन्हें छोटा तालाब के नाम से जाना जाता है। इन सभी झीलों पर कैनोइंग और वाटर एक्टिविटीज भी कर सकते है। अपर लेक में टाकिया आइलैंड और मरीन ड्राइव आकर्षण के बड़े केंद्र हैं। झीलों के लिए भोपाल काफी फेमस है। इसे लेक सिटी कहा जाता है। देश के हरे-भरे शहरों में इसका खास स्थान है। भोपाल एयरपोर्ट ओल्‍ड सिटी से 12 किमी. की दूरी पर है। दिल्‍ली, मुंबई और इंदौर से यहां के लिए इंडियन एयरलाइन्‍स की नियमित फ्लाइटें हैं। ग्‍वालियर से यहां के लिए सप्‍ताह में चार दिन फ्लाइट्स हैं। भोपाल का रेलवे स्‍टेशन देश के विविध रेलवे स्‍टेशनों से जुड़ा हुआ है। यह रेलवे स्‍टेशन दिल्‍ली-चैन्‍नई रूट पर पड़ता है। शताब्‍दी एक्‍सप्रेस भोपाल को दिल्‍ली से सीधा जोड़ती है। साथ ही, यह शहर मुंबई, आगरा, ग्‍वालियर, झांसी, उज्‍जैन आदि शहरों से अनेक रेलगाड़ियों के माध्‍यम से जुड़ा हुआ है। सांची, इंदौर, उज्‍जैन, खजुराहो, पंचमढ़ी, जबलपुर आदि शहरों से आसानी से सड़क मार्ग से भोपाल पहुंचा जा सकता है। मध्‍य प्रदेश और पड़ोसी राज्‍यों के अनेक शहरों से भोपाल के लिए नियमित बसें चलती हैं।
साभार: भास्कर समाचार
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