Wednesday, August 27, 2014

इन दस फ़ोटोज़ में देखिये चीन "जुगाड़" में भी है हमसे आगे

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कहते हैं दुनिया में चीन एकमात्र ऐसा देश है, जहां कुछ भी मुमकिन है। यहां किसी भी चीज की नकल बनाने में मिनटों लगते हैं। यूं कह लें, नकल की संस्कृति चीन की रगों में दौड़ती है। हाल ही में खबर आई कि चीन के तीन लोगों ने घर पर ही हेलिकॉप्टर और लैम्बोर्गिनी कार बना ली। मतलब, जहां हम आप केवल कल्पनाओं के घोड़े दौड़ा सकते हैं, वहां चीनी उसे अंजाम तक पहुंचा कर ही दम लेते हैं। आइए देखें कि कैसे 'जुगाड़' में भी चीनी भारतीयों से आगे हैं:
लैम्बोर्गिनी कार: स्पीड के दीवाने चीन के दो युवकों ने घर पर ही लैम्बोर्गिनी जैसी महंगी कार बना डाली। वांग यू और ली लिंटाओ ने लग्जरी कार लैम्बोर्गिनी डायबेलो के दो रिप्लिका तैयार कर ली। यह कार 310 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। दस साल की मेहनत और तकरीबन 5 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद उन दोनों ने ये कारें बनाई।
एक महिला नदी में अजीब तरह की साइकिल चला रही है। एक साइकिल में जुगाड़ फिट कर चीनी ने इसे पानी में भी चलने लायक बना दिया है। आगे की स्लाइड में ऐसे और भी कई आविष्कार हैं, जो चीनियों ने घर में ही बना डाले।
हुबेई प्रांत (वुहान) के झैंग वुई नाम के इस शख्स को पनडुब्बी बनाने का काफी क्रेज है। उन्होंने पांच साल के अंतराल में सात पनडुब्बियां बनाई हैं। तस्वीर में दिखाई दे रही इस पनडुब्बी की लंबाई 4.6 मीटर है। झैंग और उसके साथी ने इसे छोटी नाव के हिस्सों से लगभग 25 दिन में तैयार किया है। झैंग की मानें, तो उनकी ये पनडुब्बी दस घंटे लगातार 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
पूर्वी चीन के जेझियांग प्रांत के झू रुनकियांग ने घर पर ही एक रेसिंग कार बना ली। हालांकि, सड़क पर होममेड रेसिंग कार ड्राइव करते वक्त पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 47 वर्षीय झू के मुताबिक, वे अपनी बनाई कार की टेस्ट ड्राइव ले रहे थे। एफ-1 स्टाइल की इस कार की टेस्ट ड्राइव के दौरान किसी को परेशानी न हो, इसलिए वे मध्य रात्रि के समय इसे ड्राइव कर रहे थे। पुलिस ने झू पर पांच दिन लगातार बिना लाइसेंस अवैध कार को ड्राइव करने मामले में 700 यूआन यानी लगभग सात हजार रुपए का जुर्माना लगाया था।
हुबेई प्रांत के वुहान में एक किसान ने घर पर ही 'उड़न तश्तरी' बना ली। शू मैनशेंग की चार मीटर व्यास वाली इस उड़न तश्तरी में आठ शक्तिशाली मोटर इंजन लगे हैं। टेस्ट फ्लाइट के दौरान लगभग 30 सेकंड तक शू दो मीटर ऊंचाई तक उड़ान भरने में कामयाब रहे थे। इस उड़न तश्तरी को बनाने में शू को तीन लाख से ज्यादा रुपए लगे। शू अब तक ऐसी पांच उड़न तश्तरी बना चुके हैं।
एक सेवानिवृत्त ट्रैफिक अधिकारी ने बिना स्टीयरिंग व्हील के एक मिनी इलेक्ट्रिक कार बनाई। ली के मुताबिक, उन्होंने ये कार राष्ट्रीय सेफ्टी के नियमों को को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की है। ली के मुताबिक, ये कार एक बार चार्ज होने के बाद 60 किमी तक का सफर तय कर सकती है। इसे बनाने में उन्हें 50 हजार रुपए का खर्च आया था।
जियांग्शू प्रांत के वांग जियान ने घर पर ही खुद की लैम्बोर्गिनी बना ली। 28 वर्षीय वांग को कारों से बेहद लगाव है। 16 साल की उम्र से ही वह एक कार मेकैनिक हैं। लगातार 10 साल तक एक कार शोरूम में काम करने के बाद वांग ने खुद का बिजनेस शुरू कर दिया।
अनहुई प्रांत के हेफेई के मा यिनहाई ने घर पर ही फोर सीटर हेलिकॉप्टर बना ली। यिनहाई को इसे बनाने में लगभग तीन करोड़ रुपए का खर्च आया था।
गुआंगडोंग प्रांत के गुआंगझोऊ में 34 वर्षीय शियांग तियानहुआ ने महज दो मीटर लंबाई वाले पंखों की मदद से एक वाटर प्लेन तैयार कर लिया। उन्होंने अपने साथी चेन बाओलांग के साथ मिलकर 10 साल में इसे तैयार किया है।
जिलिन प्रांत के शैंगचुन के यैंग शिजुन ने अपने पिता की याद में इस जेट विमान को बनाया था। इसे बनाने में यैंग को एक साल का वक्त लगा। यैंग के मुताबिक, इसकी कुल लागत लगभग 10 लाख रुपए है। करीबन 110 किलो वजनी इस विमान की कुल लंबाई 5 मीटर है।
साभार: भास्कर समाचार
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