Thursday, August 28, 2014

बैंक से सोने के सिक्के खरीदेंगे तो रहेंगे घाटे में

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वैसे तो सोने के सिक्के खरीदने के बहुत से तरीके हैं, लेकिन इनमें से सबसे खराब तरीका है बैंकों से इसे खरीदना। बैंकों के लिए लोगों को सोने के सिक्के बेचना बेहद आसान है। लेकिन जो लोग बैंक से सोने के सिक्के खरीद लेते हैं, उनके लिए यह दोहरे घाटे का सौदा बन जाता है। एक तो बाजार की मौजूदा दर के मुकाबले अधिक कीमत पर खरीदारी करनी होती है, दूसरे उसे बेचते समय ज्वैलर्स उस पर कम कीमत देते हैं। आइए आज इसी चीज पर अपना सामान्य ज्ञान बढ़ा लेते हैं: 

क्या हैं बैंकों से सोने के सिक्के खरीदने के नियम: सोने के सिक्कों की बिक्री करते समय अलग-अलग बैंक अलग-अलग नियमों का पालन करते हैं। जहां कुछ बैंक आइडेंटिटी प्रूफ मांगते हैं, वहीं कुछ बैंक पैन कार्ड से काम चल जाता है। अगर खरीदारी 50 हजार रुपए से कम की है, तो पैन कार्ड की भी जरूरत नहीं पड़ती। आईसीआईसीआई बैंक की बात करें तो इसकी चुनिंदा शाखाओं से और नेट बैंकिंग के जरिए भी सोने के सिक्के खरीदे जा सकते हैं। जो लोग नेटबैंकिंग के माध्यम से ऑर्डर करते हैं, उन्हें भी चुनिंदा शाखाओं में जा कर ही इसकी डिलिवरी लेनी होती है। इसके लिए उन्हें अपने साथ आइडेंटिटी प्रूफ ले जाना होता है। इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पैन कार्ड या पासपोर्ट में से कोई एक दिखाया जा सकता है। एचडीएफसी बैंक गोल्ड बार बेचता है। एक्सिस बैंक 2 ग्राम से लेकर 100 ग्राम तक वजन की सोने की मुहरें बेच रहा है। जहां आईसीआईसीआई बैंक अपने ग्राहकों के अलावा उन लोगों को भी सोने के सिक्के बेचता है, जो उसके ग्राहक नहीं हैं, वहीं एक्सिस बैंक केवल अपने मौजूदा ग्राहकों को ही सोने की मुहरों की बिक्री करता है। 50 हजार रुपए से अधिक मूल्य के सोने की मुहरें खरीदने के लिए बैंक पैन कार्ड की मांग करता है। धनलक्ष्मी बैंक 2 ग्राम से लेकर 50 ग्राम तक के सोने के सिक्के बेच रहा है। 
बैंक से सोने के सिक्के खरीदने के नुकसान:
  • बाजार की कीमत से महंगा: सोने के सिक्के के लिए ज्वैलर्स के मुकाबले बैंक अधिक कीमत लेते हैं। जयपुर प्योर गोल्ड की कीमत 25 अगस्त को 27,708 रुपए से 27,757 रुपए प्रति दस ग्राम के बीच रही, लेकिन अगर आप आईसीआईसीआई बैंक से सोने की खरीद कर रहे हैं, तो इसी दिन का भाव है 32299.76 रुपए प्रति दस ग्राम। इतना महंगा सिक्का बेचने के पीछे बैंकों का तर्क यह होता है कि वे प्योर गोल्ड दे रहे हैं, वे उसके साथ हॉलमार्क और सर्टिफिकेशन दे रहे हैं।  
  • बैंक वापस नहीं खरीदते सिक्के: बैंक आपको सोने के सिक्के बेच तो सकते हैं, लेकिन उन्हें ग्राहकों से इन्हें वापस खरीदने की अनुमति नहीं है। तो इसका मतलब यह हुआ कि आप बैंक से महंगे सोने के सिक्के खरीदेंगे और ज्वैलर्स को बेचेंगे, जो आपको उसकी कम कीमत देंगे।  
  • ज्वैलर्स के पास बेचने पर नुकसान: अगर आप 24 कैरेट वाले 10 ग्राम के सोने के सिक्के या बार को किसी ब्रांडेड ज्वैलर के पास बेचने जाते हैं, तो वह कुल कीमत पर दो से तीन फीसदी की कटौती कर पैसे वापस करता है। लेकिन यदि आप 22 कैरेट वाला सिक्का बेचने जाएं, तो कटौती छह से आठ फीसदी हो सकती है। 
क्या है उपाय: फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र पी एस सोलंकी कहते हैं, ‘बैंक से सोने के सिक्के खरीदने वाले निवेशकों को दोहरा नुकसान होता है। पहले उन्हें खरीदारी के समय अधिक पैसे देने पड़ते हैं और फिर बाद में घाटा सह कर वे सिक्के बेचने पड़ते हैं।’ सोलंकी निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे बैंकों से सोने के सिक्के न खरीदें। अगर वे सोने के सिक्के खरीदना ही चाहते हैं, तो उसी प्रतिष्ठित ज्वैलर्स से खरीदें, जो अपने सिक्के वापस खरीदते हैं। 
साभार: भास्कर समाचार
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