Friday, August 19, 2016

हारी तो सिर्फ कैरोलिना से, जीते करोड़ों दिल: भारत की बेटी सिंधु ने सिल्वर जीत कर रचा इतिहास

रियो ओलंपिक 2016 में बैडमिंटन महिला सिंगल्स का फाइनल मुकाबला खेला स्पेन की केरोलिना मारिन ने जीत लिया है। इस मैच में भारत की पीवी सिंधू और स्पेन की विश्व नंबर.1 खिलाड़ी केरोलीना मारिन आमने-सामने थीं। करोड़ों भारतीय फैंस की नजरें सिंधू पर टिकी थीं जो इस मैच में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल करने उतरी, रिकॉर्ड बने लेकिन स्वर्ण पदक का सपना अधूरा
रह गया। यह पोस्टआप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
पहला सेट: पहले सेट के शुरुआत में केरोलीना ने शुरुआत में अपने खेल से काफी प्रभावित किया जिस बीच काफी अंक बेसलाइन के बाहर जाते-जाते मारिन ने बटोरे। एक समय स्कोर 8-4 था और मारिन आगे थीं। केरोलीना को इस मैच में अपने बाएं हाथ का खूब फायदा मिल रहा है। इस सेट में मिडगेम ब्रेक के दौरान 11-7 से मारिन आगे थीं। मिडगेम ब्रेक के बाद सिंधू ने गेम को 9-12 तक ले जाने में सफलता जरूर हासिल की लेकिन हर बार मारिन इस बढ़त को खींचती नजर आईं। सिंधू 10 अंक का आंकड़ा तो जल्दी पार कर गईं लेकिन मारिन की खास बात ये रही कि वो सिंधू के बैकहैंड शॉट पर बार-बार स्मैश जड़ती नजर आईं। एक समय सिंधू 14-15 के साथ मरिन के करीब भी पहुंच गई थीं। फिर 16-17 पर भी सिंधू पीछे थीं लेकिन करीब रहीं। इसके बाद मारिन दो अंक आगे निकलीं तो सिंधू ने भी लगातार तीन अंक हासिल करके 19-19 पर बराबरी कर ली और फिर नेट के करीब एक शानदार टच के जरिए सिंधू ने सेट में पहली बढ़त हासिल की और फिर अगला अंक जीतकर 21-19 से सेट अपने नाम कर लिया। सिंधू ने अंत में लगातार 5 अंक हासिल किए थे।
दूसरा सेट: दूसरे सेट में मारिन ने लगातार पहले चार अंक हासिल करके शुरुआत की। सिंधू ने पांचवें अंक पर ये क्रम तोड़ा जरूर लेकिन एक बार फिर मारिन ने वापसी की और दो लगातार अंक जीत लिए। इस बीच सिंधू ने एक अंक और जरूर लिया लेकिन मारिन इसके बाद लगातार सात अंकों की जीत के साथ मिडगेम ब्रेक तक 11-2 की बढ़त हासिल करने में सफल रहीं। मिडगेम ब्रेक के बाद सिंधू ने दो अंक जीतकर शुरुआत की लेकिन मारिन ने फिर वापसी करके स्कोर 12-4 कर दिया। इसके बाद बीच-बीच में सिंधू एक-एक अंक जरूर हासिल करती रहीं लेकिन अंकों की रैली नहीं लगा पाईं, नतीजतन मारिन अपनी बढ़त को 8 अंक तक खींचते हुए 15-7 के स्कोर तक ले गईं। सिंधू ने इसके बाद जरूर दो अंक लिए लेकिन मारिन ने फिर वापसी करते हुए स्कोर को 17-9 कर दिया। किसी तरह सिंधू दहाई के आंकड़े तक तो पहुंचीं और स्कोर को 11-18 किया लेकिन फिर भी बढ़त मारिन के पास ही थी। इसके बाद सिंधू एक ही अंक और हासिल कर सकीं और देखते-देखते मारिन ने ये सेट 21-12 से जीत लिया। अब मुकाबला तीसरे व फाइनल सेट पर जा टिका।
तीसरा व फाइनल सेट: तीसरे व निर्णायक सेट में मारिन ने दो अंक जीतकर शुरुआत की। तीसरे अंक पर सिंधू ने वापसी तो की लेकिन मारिन ने चौथे अंक में फिर वापसी कर ली और बढ़त को 6-1 तक पहुंचा दिया। इसके बाद सिंधू ने दो लगातार अंक हासिल करके इस बढ़त को कम करने का प्रयास किया। दसवें अंक पर मारिन ने सिंधू को बैकहैंड पर पीछे धक्का देते हुए फिर वापसी की और फिर अगले लगातार चार और अंक जीतते हुए स्कोर व बढ़त को 9-4 तक खींच दिया। सिंधू ने अपने चौथे अंक के बाद अचानक रफ्तार दिखाई और चार लगातार अंक जीतकर स्कोर को 8-9 तक पहुंचा दिया। फिर गजब का संघर्ष हुआ और सिंधू लंबी रैली के बाद 10-10 पर बराबरी करने में सफल रहीं। मिडगेम ब्रेक तक मारिन 11-10 से आगे रहीं। मिडगेम ब्रेक के बाद मारिन ने लगातार तीन अंक हासिल किए और बढ़त को चार अंक तक पहुंचा दिया। सिंधू ने 11-14 पर एक अंक के साथ वापसी की। वापसी करती नजर आ रही सिंधु ने दबाव में कुछ गलतियां क्या की, कि वह पिछड़ते पिछड़ते 14-20 पर पहुँच गईं। जैसे तैसे एक मैच पॉइंट बचाया और स्कोर 15-20 पर पहुंचा, लेकिन आत्मविश्वास से लबरेज मारिन ने अगले ही पल 21-15 से गेम जीत कर स्वर्ण पर कब्ज़ा जमा लिया। 
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साभारजागरण समाचार 
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