Sunday, August 21, 2016

नेहरू की नीतियों के कारण पिछड़ा भारत - अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विकास की दौड़ में भारत के पिछड़ जाने के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आर्थिक मॉडल को जिम्मेदार बताया है। उनका मानना है कि जिस समय जापान, कोरिया और ताइवान आर्थिक कामयाबी के रास्ते पर थे, हमें नेहरूवादी मॉडल से नुकसान उठाना पड़ा। उनकी आर्थिक नीतियों का ही
परिणाम था कि आजादी के शुरुआती दिनों में देश एक फीसद विकास दर भी हासिल नहीं कर सका। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शनिवार को मुंबई भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि नेहरू का मॉडल विकास में सहायक नहीं रहा। लंबे समय तक देश की एक फीसद से भी कम आबादी के पास टेलीफोन उपलब्ध था। अन्य देश विकास कर रहे थे, लेकिन भारत नहीं। कुछ लोग विकास के इसी मॉडल की प्रशंसा करते हैं। जेटली नेहरू पर ही नहीं रुके। उन्होंने आर्थिक सुधारों का श्रेय लूटते रहे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की नीतियों पर भी जमकर प्रहार किया। जेटली के अनुसार, नरसिम्हा राव भी आर्थिक सुधारों के मसीहा नहीं थे। 1991 में देश की खस्ता हालत के कारण उन्हें आर्थिक नीतियों में परिवर्तन लाना पड़ा। वरना वह भी रूढ़िवादी सोच ही रखते थे।
  • देश में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है, जो आयकर रिटर्न तो फाइल करते हैं, लेकिन वास्तव में कोई टैक्स नहीं देते हैं।
  • अप्रत्यक्ष कर की दरों को और कम करने के लिए इनका आधार बढ़ाने की जरूरत है। इसे हासिल करने के लिए हर किसी को टैक्स देना चाहिए।
  • तत्काल में जीएसटी को अमल में लाना उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है। इसके बाद अगली चुनौती बैंकों को मजबूत बनाने की है।

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साभारजागरण समाचार 
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