Thursday, August 18, 2016

आखिर साक्षी मलिक ले आईं पहला मैडल; सेमीफाइनल में हारने के बाद कांस्य पदक का मुकाबला जीता

रियो ओलंपिक में अब तक मेडल का इंतजार कर रहे भारतीय खेल प्रेमियों को आखिरकार वो खुशी का पल मिल ही गया जिसका इंतजार था। भारतीय महिला रेसलर ने रियो में भारत को पहला मेडल दिलाया। साक्षी पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं जिन्होंने फ्री स्टाइल कुश्ती में ये कामयाबी हासिल की है साथ ही वो चौथी
भारतीय महिला खिलाड़ी भी बनी जिन्होंने ओलंपिक में मेडल जीता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
साक्षी की अन्य उपलब्धियां: रोहतक की 23 वर्षीय महिला रेसलर साक्षी ने रियो में बेहद उम्दा प्रदर्शन किया और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। इससे पहले वर्ष 2014 में ग्लास्गो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2915 में दोहा में हुए एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वर्ष 2014 में उन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में 60 किलोग्राम महिला फ्रीस्टाइल कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व किया था मगर वहां उन्हें कोई सफलता नहीं मिली।
जीत के बाद ये कहा साक्षी ने: रियो में ब्रॉन्ड मेडल जीतने के बाद साक्षी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत की तरफ से ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली महिला रेसलर बनूंगी। मैं आशा करती हूं कि देश के अन्य रेसलर भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
पदक जीतते ही घर में जश्न का माहौल: साक्षी के पदक जीतने के बाद उनके घर में जश्न का माहौल बन गया। उनके माता-पिता ने अपने परिजनों के साथ जमकर खुशिया मनाईं। साक्षी की माता सुदेश मलिक ने कहा कि रियो में मेडल के सूखे को साक्षी ने खत्म कर दिया। उन्हें उस पर गर्व है। ऐसी बेटी भगवान सबको दें। अब लाडली के घर लौटने का इंतजार है। वहीं जीत के बाद साक्षी ने अपने घर फोन कर अपने भाई से बात की और कहा कि वो उनके लिए राखी लेकर आएगी।
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साभारजागरण समाचार 
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