Thursday, August 18, 2016

जाट आरक्षण: छह लाख से ज्यादा आय है तो नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

प्रदेश सरकार ने पिछड़े वर्ग में शामिल जाटों समेत छह जातियों के उन लोगों को साधन संपन्न (क्रीमीलेयर) की श्रेणी में रखा है, जिनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक है। ऐसे लोगों को राज्य सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग को दिए दस फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। पहले यह सीमा साढ़े चार लाख रुपये थी, लेकिन सिर्फ
ए व बी श्रेणी में शामिल लोग ही इसके दायरे में आते थे। प्रदेश के जाट व खाप संगठनों के भारी विरोध तथा हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद हरियाणा सरकार ने बुधवार को पिछड़े वर्ग के आरक्षण में क्रीमीलेयर की अधिसूचना जारी कर दी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता की ओर से जारी अधिसूचना की प्रतियां प्रकाशन के लिए भेज दी गई हैं। प्रदेश सरकार एडवोकेट जनरल के माध्यम से 24 अगस्त को हाईकोर्ट में अधिसूचना की प्रति पेश करेगी। दो बार अधिसूचना की प्रति हाईकोर्ट में पेश नहीं कर पाने पर राज्य सरकार की खिंचाई हो चुकी है। हालांकि जाट आरक्षण पर अंतरिम रोक जारी रहेगी और 24 अगस्त को ही इस पर हाईकोर्ट फैसला लेगा। हाईकोर्ट में मंगलवार को भी जब राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना की प्रति पेश नहीं की गई तो सुनवाई के दौरान पहुंचे जाट व खाप संगठनों के नेता नाराज हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निवास के बाहर धरना आरंभ कर दिया। राज्य सरकार को गुप्त सूचना मिली थी कि अधिसूचना जारी नहीं होने की स्थिति में आंदोलन फिर से भड़क सकता है। जाट आरक्षण में क्रीमीलेयर की अधिसूचना जारी होने के बाद अब जाट आंदोलनकारी शांत हो गए हैं।

  • हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षिक संस्थाओं में दाखिलों में आरक्षण) अधिनियम 2016 में क्रीमीलेयर (नवोन्नत-साधन संपन्न लोग) वर्ग को बाहर निकाल दिया गया है।
  • तीन लाख रुपये तक की सकल वार्षिक आय वाले व्यक्तियों के बच्चे सेवाओं तथा शैक्षिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
  • इसके बाद रह गए कोटे का लाभ पिछड़े वर्गो के उस वर्ग को दिया जाएगा, जिसकी आय प्रति वर्ष 3 लाख रुपये से अधिक और 6 लाख रुपये से कम है।
  • हर साल 6 लाख रुपये से अधिक कमाने वाले पिछड़े वर्गो के लोगों को क्रीमीलेयर की श्रेणी में रखा गया है और उनके बच्चों को अधिनियम की धारा 5 के तहत आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
  • पहले क्लास वन और टू के लिए क्रीमीलेयर की सीमा साढ़े चार लाख रुपये तक थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर छह लाख करते हुए सी श्रेणी (विशेष पिछड़ा वर्ग) को भी जोड़ा गया है।

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साभारजागरण समाचार 

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