Thursday, December 8, 2016

नया खुलासा: व्यापमं घोटाले में असल परीक्षार्थी का कोड था "बोगी" और किसी के बदले वालाें का "इंजन"

मेडिकल कॉलेजों में दाखिले से जुड़े व्यापमं घोटाले में बुधवार को नया खुलासा हुआ है। मामले के जांच अधिकारी तथा सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक आरके दास की चिट्ठी से पता चला है कि परीक्षार्थी 'इंजन' और 'बोगी' जैसे दो कोड का इस्तेमाल करते थे। असल परीक्षार्थियों का कोड बोगी था, जबकि इंजन नाम से फर्जी परीक्षार्थी प्रवेश परीक्षा में बैठते थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जांच अधिकारी दास ने श्री कृष्णा चिकित्सा महाविद्यालय (एसकेएमसी), मुजफ्फरपुर में अलग-अलग बैच के चिह्नित 114 छात्रों की सूची के साथ इसकी जानकारी दी है। इनमें चार छात्राएं हैं। एसकेएमसी के प्रिंसिपल प्राचार्य डॉ. विकास कुमार और डीन को कहा है कि संदिग्ध स्टूडेंट्स की सूची और फोटो संस्थान परिसर समेत आसपास भी चस्पा करें, ताकि इनकी पहचान सुनिश्चित हो सके। जैसे ही इनके नाम-पते मिलें, सीबीआई को सूचना दें। एसकेएमसी के कई बैच के छात्र कई-कई बार इंजन के रूप में परीक्षा में शामिल हुए थे। 2013 में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की प्रवेश परीक्षा को लेकर व्यापमं (मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाला उजागर हुआ था। बिचौलियों की मदद से परीक्षार्थियों के रोल नंबर बदल दिए गए थे। बदले हुए रोल नंबर वाले छात्रों की परीक्षा का इंतजाम सेफ जोन में किया गया था। 
पक्के सबूूत मिलेसीबीआई को पुख्ता सबूत मिले हैं कि प्रश्नपत्र सॉल्व करने वालों में बिहार और उत्तरप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के छात्र शामिल रहे हैं। ऐसे छात्र या तो खुद परीक्षा में बैठे थे या उनके नाम पते बदलकर पीएमटी-13 में शामिल हुए थे। 
व्यापमं उत्तीर्ण छात्र जब मेडिकल कॉलेज में नामांकन कराने पहुंचे तो कई ने पिता के नाम पते में गड़बड़ी बताई। फिर आपत्ति दर्ज कराकर उसे बदलवा लिया। कई को अपने राज्यों में दाखिला मिल गया। ऐसे छात्र कोर्स के बीच में ही लौट आए। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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