Wednesday, December 7, 2016

आर्थिक विकास दर बढाने के लिए रेपो रेट घटा सकता है RBI

देश में नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होने की चिंताओं के बीच रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के गवर्नर उर्जित पटेल से उद्योग जगत उम्मीदें बांधे बैठा है। केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को बुधवार को मुख्य नीतिगत दरों यानी रेपो रेट पर फैसला लेना है। नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले
असर को देखते हुए समिति 0.25 से 0.50 फीसद की कटौती का निर्णय ले सकती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एमपीसी की बैठक मंगलवार को मुंबई में शुरू हुई। आरबीआइ गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति की यह दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक है जबकि नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक पहली बार ब्याज दरों पर विचार कर रहा है। हालांकि रेपो रेट (वह दर जो आरबीआइ बैंकों को दिए गए कम अवधि के कर्ज पर वसूलता है) को लेकर कोई निश्चित तौर पर कुछ कहने को तैयार नहीं है। लेकिन ज्यादातर बैंकरों और विश्लेषकों का मानना है कि अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए आरबीआइ रेपो रेट में कम से कम चौथाई फीसद की कमी अवश्य करेगा। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगली दो तिमाही पर नोटबंदी का असर दिखेगा। इससे जीडीपी की रफ्तार धीमी बनी रहेगी।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.