Sunday, January 22, 2017

जाट आंदोलन की धमकी पर सरकार सख्त, पुलिस को बल प्रयोग की छूट

हरियाणा के 19 जिलों में 29 जनवरी से जाट आरक्षण के पक्ष में धरने-प्रदर्शनों की धमकी को लेकर सरकार इस बार सख्त हैं। सीएम ने आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं
वहीं डीजीपी केपी सिंह पुलिस अधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि हिंसा फैलाने वालों पर जितनी जरूरत हो उतना बल प्रयोग कर सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वहीं, रोहतक में दंगा नियंत्रण को लेकर रिहर्सल भी की गई है। सीएम ने कहा है कि कि लोग इस तरह के आंदोलन में शामिल हों। क्योंकि कुछ लोग इस पर राजनीित कर रहे हैं। अगर शांतिपूर्ण तरीके से कोई बात उनके सामने रखी जाएगी तो उस पर विचार किया जाएगा। 
वहीं, जींद पुलिस लाइन में आयोजित के एक कार्यक्रम में प्रदेश के डीजीपी डाॅ. केपी सिंह ने पुलिस कर्मियों को निर्देश दिया है कि हमें हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। ड्यूटी के दौरान ध्यान रखें कि जान माल का नुकसान हो। अगर ऐसे हालात बनें तो आपको जितनी जरूरत है उतना बल प्रयोग करें। उन्होंने कि प्रदेश में अब दो शिफ्टों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। जरूरत पड़ी तो छुटि्टयां भी रद्द की जा सकती है। मुख्यमंत्री खट्टर ने शनिवार को चंडीगढ़ में अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से के सवाल जाट नेता यशपाल मलिक के उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव में भाजपा का विरोध किए जाने पर कहा कि इस प्रकार के आंदोलन को राजनीतिक रूप देना निदंनीय है। जहां तक जाट आरक्षण का विषय है, तो सरकार ने कानून पारित कर दिया है। चूंकि मामला अब कोर्ट में लंबित है। इसलिए सभी को फैसले का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यशपाल मलिक परोक्ष और प्रत्यक्ष रूप से आरक्षण के नाम पर जो राजनीति कर रहे हैं, वो अच्छा नहीं है। प्रकाश सिंह कमेटी की सिफारिशों के संबंध में उन्होंने कहा कि जो-जो भी सिफारिशें की गई हैं, यदि वे मानने लायक होंगी तो सरकार उन पर कार्रवाई करेगी। 

पुलिस पर लगने दें कायरता का कलंक: पुलिस महानिदेशक डाॅ. केपी सिंह ने पुलिस जवानों को कहा कि खाकी का इंकलाब बुलंद रहना चाहिए। महाभारत कथा के अजगर- युधिष्ठिर प्रसंग के माध्यम से अहंकार, चालाकी और कायरता से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। साथ ही कहा गया कि पहली दो चीजें तो हर व्यक्ति पर लागू होती हैं पर तीसरी पुलिस पर। कायरता सबसे बड़ा कलंक है। आरक्षण आंदोलन में हालात बिगड़े तो पुलिस पर कायरता का कलंक नहीं लगने देना। 
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साभार: जागरण समाचार 
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