Friday, February 17, 2017

सरकार व धरना दे रहे लोगों में नहीं बनी सहमति केंद्र से सीआरपीएफ की 28 कंपनियां और मिलीं

जाट समेत 6 जातियों को दिए आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। हिंसा में मारे गए लोगों के आश्रितों को मुआवजा नौकरी देने को सरकार तैयार है। 1500 मुकदमे वापस
लिए जा चुके हैं और 622 बाकी हैं। यह बात गुरुवार को कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने गुड़गांव में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद पत्रकारों से कही। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने 10 संवेदनशील जिलों (झज्जर, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, हिसार, सिरसा, जींद, सोनीपत, कैथल, पानीपत) के भाजपा कार्यकर्ताओं और मंत्रियों के साथ बैठक की। इसमें बताया कि सरकार ने जाटों को आरक्षण दिलवाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। बैठक के बाद सीएम ने मीडिया से बस यही कहा कि धनखड़ सही कह रहे हैं। बैठक को भाजपा की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इसका मकसद धरनों को पब्लिक का समर्थन मिलने से रोकना है। कार्यकर्ता पदाधिकारी लोगों के बीच जाकर समझाएंगे कि धरना दे रहे लोग सरकार पर अनुचित मांगें मानने का दबाव बना रहे हैं। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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