Monday, May 22, 2017

CDLU और संबंधित सभी कॉलेजों में नए सत्र में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम से 30 हजार छात्रों को मिलेगा फायदा

चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी कैंपस के 16 विभागों और यूनिवर्सिटी से संबंधित सिरसा-फतेहाबाद के कॉलेजों में नए शिक्षा सत्र से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू होगा। यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन)
के निर्देश पर सभी कॉलेजों के सभी पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस को लागू करने के लिए सीडीएलयू प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। सिलेबस तैयार किया जा रहा है। जल्द ही कॉलेजों के प्रिंसिपल को बुलाकर दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। सीबीसीएस लागू होने से सिरसा और फतेहाबाद के 30 हजार से अधिक विद्यार्थियों को लाभ होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने सभी विश्वविद्यालयाें को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि नये शिक्षा सत्र से च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया जाए। सीडीएलयू में यह सिस्टम लागू करने के लिए बाकायदा रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत पिछले वर्ष ही 16 करोड़ से अधिक का फंड जारी किया जा चुका है। सीडीएलयू प्रशासन ने इस वर्ष कैंपस के सभी विभागों सहित सिरसा और फतेहाबाद के सभी 28 संबंधित कॉलेजों में भी इस सिस्टम लागू किए जाने का फैसला किया है। हालांकि पिछले वर्ष कुछ ही विषयों में सीबीसीएस लागू किया जा सका था। सीबीसीएस लागू होने से सिरसा-फतेहाबाद के 30 हजार से अधिक विद्यार्थियाें को लाभ होगा। विद्यार्थी अपने विषय के साथ दूसरे विषय भी पढ़ पाएंगे। 
विद्यार्थियों को ये होगा लाभ: 
  • विद्यार्थीअपने अलावा दूसरे विषय भी पढ़ सकेंगे
  • परीक्षा परिणाम समय पर मिल पाएगा 
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा 
  • सीक्रेसी पहले की अपेक्षा कम होगी 
  • डिग्री को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व मिल पाएगा 
सीबीसीएस सिस्टम के अनुसार स्टडी में अब आलराउंडर बनेंगे विद्यार्थी: वीसी प्रो. विजय कुमार कायत ने बताया कि सीबीसीएस सिस्टम के अनुसार जो विद्यार्थी साइंस विषय का है वह केवल साइंस में ही महारत हासिल करता है। लेकिन इस सिस्टम के अनुसार साइंस का विद्यार्थी सामाजिक विज्ञान, भूगोल, इतिहास की शिक्षा भी हासिल कर सकता है और हिंदी, पंजाबी की भी। इसे अलावा अंग्रेजी का विद्यार्थी साइंस भी पढ़ सकता है। इस प्रकार विद्यार्थी आलराउंडर तैयार होंगे जो सभी विषयों में पारंगत होंगे। इससे शिक्षा का स्तर सुधरेगा। विद्यार्थी अपनी इच्छा के अनुसार विषय चुन सकते हैं। 
जल्द बुलाएंगे सभी प्रिंसिपल की मीटिंग: सरकार और यूजीसी के निर्देश अनुसार सीडीएलयू कैंपस में चल रहे सभी विभागों के साथ-साथ सभी संबंधित कॉलेजों में भी च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने की हमारी तैयारियां पूरी हैं। सिलेबस और पेपर तैयार कर रहे हैं। जल्द ही सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल की मीटिंग बुलाई जाएगी और सिस्टम संबंधी जानकारी देंगे। '- प्रो.विजय कुमार कायत, वीसी, सीडीएलयू, सिरसा 
सिलेबस पेपर कर रहे हैं तैयार: सीबीसीएस लागू करने के लिए फिलहाल सिलेबस और पेपर तैयार कर रहे हैं ताकि बाद में परेशानियों का सामना ना करना पड़े। नये सिस्टम लागू होने से विद्यार्थियों को खासा लाभ होगा। वह अतिरिक्त ज्ञान हासिल कर पाएंगे।'' प्रो.दीप्ति धर्माणी, डीन ऑफ एकेडमिक, सीडीएलयू, सिरसा 
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को शुरुआत में यूनिवर्सिटी कैंपस में लागू किया गया। लेकिन अब कॉलेजों में भी अगले शिक्षा सत्र से लागू होगा। नए सिस्टम में छात्र को हर पेपर के क्रेडिट प्वांइट दिए जाएंगे। थ्योरी विषय में एक पेपर के एक घंटे पर एक क्रेडिट प्वाइंट मिलेगा। इसी प्रकार से प्रोजेक्ट और प्रेक्टिकल पर यदि चार घंटे पढ़ने पर छात्र को दो क्रेडिट प्वाइंट दिए जाएंगे। कम से कम 96 क्रेडिट प्वांइट लेने जरूरी है। सभी विषयों के क्रेडिट प्वाइंट अलग-अलग है। प्वांइट के आधार पर ग्रेड निकाला जाएगा। परीक्षा के अंकों के भी क्रेडिट प्वांइट होंगे। हालांकि विश्वविद्यालय ने यह तय नहीं किया कि यह ग्रेड लैटर (ए,बी,सी) या फिर नंबर ग्रेड (1,2,3) होगा। इस पर मंथन किया जा रहा है।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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