Wednesday, August 16, 2017

फार्मा इंडस्ट्री में सालाना 3 लाख नौकरियों के अवसर

विश्वभर में नई दवाओं पर लगातार रिसर्च होती रहती है। वर्तमान जीवनशैली में बीमारियों के बढ़ने से दवाइयों की खपत बढ़ी है। इससे फार्मा इंडस्ट्री में प्रोफेशनल के लिए जॉब के अवसर बढ़े हैं। वर्तमान में तरह-तरह की बीमारियां सामने रही हैं और इनका इलाज खोजने के लिए सरकार और प्राइवेट कंपनियों द्वारा रिसर्च पर काफी पैसा खर्च किया जाता है। दवाएं धीरे-धीरे लोगों के जीवन का हिस्सा भी बनती जा रही हैं। यह एक बड़ा कारण है कि विश्वभर में दवाओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भारत का फार्मा बाजार वॉल्यूम के लिहाज से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। इसके विस्तार से इसमें जॉब के अवसर बढ़े हैं। पिछले वर्ष की एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक फार्मा इंडस्ट्री में काम करने वाले प्रोफेशनल की संख्या दोगुनी होकर करीब 35 लाख हो जाएगी। यानी कि इस इंडस्ट्री में हर साल करीब 3 लाख नौकरियां मिलने की संभावना है। 
देश में 3 हजार से ज्यादा फार्मा कंपनियां और 10 हजार से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं। ये वर्तमान में करीब 18 लाख लोगों के लिए रोजगार का जरिया हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार देश की फार्मा इंडस्ट्री 2020 तक 15 फीसदी की सालाना दर से बढ़ेगी। इस क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी है। 2000 से 2016 के दौरान इस क्षेत्र में करीब 14.53 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। 
फार्मेसी की डिग्री से एंट्रीफिजिक्स,केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयों के साथ 12वीं करने वाले छात्र बैचलर ऑफ फार्मेसी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके आलावा डिप्लोमा इन फार्मेसी भी कर सकते हैं। कोर्स पूरा होने के बाद छात्रों को इंटर्नशिप करनी होती है। रिसर्च के क्षेत्र में काम करने के लिए छात्र मास्टर डिग्री या इससे ऊपर के डिग्री कोर्स कर सकते हैं। मैनेजमेंट के क्षेत्र में जॉब करने के लिए फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट के एमबीए कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं 
अनुभव के साथ मिलेगा बेहतर पैकेज: फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में सैलरी पैकेज अनुभव और संस्थान के अनुसार अलग हो सकता है। इसमें फ्रेशर को 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह का सैलरी पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के बाद सैलरी पैकेज 35 से 40 हजार रुपए प्रति माह हो सकता है। रिसर्च के क्षेत्र में शुरुआत में ही प्रोफेशनल को 20 से 25 हजार रुपए प्रति माह का पैकेज मिलने की संभावना होती है। 
फार्मा क्षेत्र में कई तरह के प्रोफेशनल की जरूरत होती है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट से लेकर मार्केटिंग प्रोफेशनल तक के लिए नौकरी के अवसर हैं। 
  1. मैन्युफैक्चरिंग केमिस्टये प्रोफेशनल दवाइयां बनाने की प्रक्रिया को सुपरवाइज करने का काम करते हैं। इसके बाद इन्हें फैक्टरी मैनेजर जैसे बड़े पद पर प्रमोट किया जा सकता है। 
  2. क्वालिटी कंट्रोल केमिस्ट: इन्हें क्वालिटी अश्योरेंस मैनेजर भी कहा जाता है। ये प्रेाफेशनल फार्मास्युटिकल उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया और पैकेजिंग तक चेकिंग और मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार होते हैं। 
  3. हॉस्पिटल फार्मासिस्ट: इनका काम हॉस्पिटल के लिए दवाइयां खरीदना और यहां मौजूद मरीजों को सही दवाई मुहैया कराना होता है। सभी हॉस्पिटल में इनकी जरूरत होती है। 
  4. गवर्नमेंट एनालिस्ट: सरकारी लैबोरेटरी में फार्मेसी प्रोफेशनल के लिए जॉब के अच्छे अवसर होते हैं। ये प्रोफेशनल कंपनियों और अन्य जगहों से जमा किए गए दवाइयों के सैंपल टेस्ट करते हैं।
  5. ड्रग इंस्पेक्टर: दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग से लेकर बाजार में आने तक सरकार पूरी प्रक्रिया पर नजर रखती है। इसके लिए ड्रग इंस्पेक्टर की जरूरत होती है। 
  6. रिसर्च एनालिस्ट: ये प्रोफेशनल न ड्रग का आविष्कार करने या मौजूदा ड्रग को और बेहतर करने का काम करते हैं।
  7. मैनेजमेंट और मार्केटिंग: फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट प्रोफेशनल पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और कंपनियों के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी होती है। 
मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में ज्यादा मौके: फार्मेसी प्रोफेशनल के लिए दवा बनाने वाली कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में जॉब के अच्छे अवसर मौजूद हैं। साथ ही इनकी जरूरत अस्पतालों और ड्रग रिसर्च लैब में भी होती है। सरकारी स्वास्थ्य विभागों में भी जॉब कर सकते हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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