Wednesday, August 16, 2017

साइबर सिक्योरिटी में हर साल होगी एक लाख प्रोफेशनल की जरूरत

पिछले वर्ष नवंबर में नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन स्कीम चलाई, तो कैश ट्रांजेक्शन कम करने के लिए कई तरह की नई बंदिशें भी लागू कीं। इससे एक बात तो स्पष्ट थी
कि आने वाला समय डिजिटल युग कहलाएगा। लेकिन इस वर्ष मई में विश्वभर में हुए वानाक्राई रैनसमवेयर के अटैक का असर भारत में भी देखने को मिला। इससे यह सवाल जरूर उठा कि इस तरह के साइबर अटैक से निपटने के लिए हम कितने तैयार हैं। क्योंकि देश में साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल जरूरत के अनुरूप नहीं हैं। लेकिन यदि इसे कॅरिअर के लिहाज से देखा जाए, तो साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल की कमी छात्रों के लिए बेहतर कॅरिअर का जरिया भी बन सकती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पिछले वर्ष आई नैसकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक देश में 10 लाख साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल की जरूरत होगी। यानी कि अगले 10 वर्षों तक इस क्षेत्र में हर साल एक लाख नौकरियों के अवसर होंगे। 
रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक देश की आईटी इंडस्ट्री 350 से 400 अरब डॉलर की हो जाएगी। इसके साथ ही देश की साइबर सिक्योरिटी प्रोडक्ट एंड सर्विस इंडस्ट्री करीब 35 अरब डाॅलर की हो जाएगी। देश में 2025 तक साइबर सिक्योरिटी से संबंधित 1 हजार स्टार्टअप शुरू होंगे। साइबर सिक्योरिटी का बाजार भारत ही नहीं विश्वभर में तेजी से बढ़ रहा है। 2015 में यह करीब 85 अरब डॉलर का था, जो 2016 मंे बढ़कर 94 अरब डॉलर का हो गया। इसके 8.2 फीसदी की सालाना दर से बढ़कर 2020 तक 187 अरब डॉलर होने की संभावना है। साइबर सिक्योरिटी के बाजार के विस्तार से इसमें नौकरियों के नए अवसर बनने की संभावनाएं हैं। 
साइबर सिक्योरिटी में विभिन्न प्रकार की स्पेशलाइजेशन हासिल की जा सकती है। प्रोफेशनल डेटा सिक्योरिटी में जॉब कर सकते हैं, इसके लिए कम्युनिकेशन और डेटा ट्रांसफर की जानकारी जरूरी है। साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा करते हैं और इन सिस्टम में सबसे आसानी से अटैक सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाता है। इसीलिए सॉफ्टवेयर की डिजाइन की जानकारी जरूरी है। इसके अलावा नेटवर्क डोमेन की समझ भी आवश्यक है। 
कंप्यूटर साइंस का बैचलर डिग्री कोर्स दिलाएगा प्रवेश: इस क्षेत्र में कॅरिअर बनाने के लिए छात्रों को कंप्यूटर साइंस या आईटी से बैचलर डिग्री करनी होती है। फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषयों के साथ 12वीं करने वाले छात्र इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बीई या बीटेक कोर्स में प्रवेश के लिए जेईई मेन का वैलिड स्कोर जरूरी होता है। इसके अलावा बीएससी कोर्स में प्रवेश के लिए संस्थान खुद का एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करते हैं। स्पेशलाइजेशन हासिल करने के लिए छात्र साइबर सिक्योरिटी, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी या कंप्यूटर फॉरेंसिक से मास्टर डिग्री कोर्स कर सकते हैं। हालांकि मैथ्स या स्टैटिस्टिक्स से एमएससी करने वाले छात्र इसके एमटेक कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। वहीं कई संस्थान साइबर सिक्योरिटी से संबंधित स्पेशल कोर्सेस में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स भी कराते हैं। 
सरकारी विभागों में भी हैं बेहतर कॅरिअर की संभावनाएं: साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल सरकारी विभागों में बतौर कंप्यूटर स्पेशलिस्ट, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऑफिसर, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी स्पेशलिस्ट, असिस्टेंस चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर या साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट काम कर सकते हैं। सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों, डिफेंस आदि में सिक्योरिटी एक्सपर्ट की जरूरत होती है। वहीं प्राइवेट सेक्टर में ई-काॅमर्स, बैंकिंग अन्य कंपनियों को भी अब साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल की जरूरत होती है। साइबर सिक्योरिटी फर्म और आईटी कंपनियों में तो इन प्रोफेशनल की मांग होती है। 
शुरुअाती पैकेज 20-25 हजार रुपए प्रति माह तक: मांगके अनुरूप प्रोफेशनल की संख्या कम होने के कारण इस क्षेत्र में सैलरी पैकेज औसत से बेहतर होता है। कॅरिअर की शुरुआत में ही मासिक पैकेज 20 से 25 हजार रुपए प्रति माह मिलने की संभावना होती है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद सालाना पैकेज 5 से 7 लाख रुपए सालाना का हो सकता है। शीर्ष पदों पर यह और भी ज्यादा होता है। अनुभवी प्रोफेशनल स्वतंत्र रूप से भी काम कर सकते हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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