Monday, August 21, 2017

अब परीक्षाओं के हिसाब से बनेंगी किताबें नहीं बढ़ेगा बस्ते का बोझ - जावड़ेकर

स्कूली बच्चों के बैग में बढ़ते किताबी बोझ काे कम करने के लिए केंद्र सरकार अब नई योजना ला रही है। इसके तहत परीक्षाओं के हिसाब से किताबें बनाई जाएंगी। यानि तिमाही, अर्द्ध वार्षिकी और वार्षिकी। इससे किताबों की
साइज छोटी हाेगी। साथ ही अलग-अलग विषयों के चैप्टर इसमें जोड़ दिए जाएंगे। इससे केवल किताबों का वजन घटेगा, बल्कि छात्र परीक्षा फोकस जितना पढ़ना-समझना है, उतनी ही किताबें स्कूल लेकर जा सकेंगे। यह बातें केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि देशभर के स्कूलों में 11.09 लाख शिक्षक अनट्रेंड हैंं। जो शिक्षक खुद अनट्रेंड हैं वह छात्रों को क्या पढ़ाएंगे? यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इनकी भर्ती सर्वशिक्षा अभियान और राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत हुई। अब इन शिक्षकों को ट्रेंड करने के लिए सरकार ने दो साल का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत अनट्रेंड शिक्षकों को एमएचआरडी के स्वयं पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना है। रजिस्ट्रेशन 15 सितंबर तक खुला है। इसके लिए सरकार ने डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें शिक्षकों को एक अक्टूबर से ऑनलाइन क्लासेस स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से दी जाएंगी, जो जून तक चलेंगी। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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