Wednesday, August 16, 2017

Student Issues: ऐसे बना सकते हैं कमजोरियों को अपना मजबूत पक्ष

श्वेता रैना (टेलीरंग की सीईओ)
हम सबको अपने मजबूत पक्ष पर गर्व होता है और इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है। लेकिन यदि हम अपने कमजोर पक्षों और कुछ परेशानियों को दूर कर लें, तो और भी कहीं बेहतर कर सकते हैं। समस्या यह है कि लोग
अपनी कमजोरियों को स्वीकार नहीं करते। कई बार रिक्रूटर उम्मीदवार से उसकी कमजोरियों के बारे में पूछते हैं और यह भी कि आप इसे कैसे दूर करेंगे। अपने कमजोर पक्षों को दूर करने का प्रयास आपकी दृढ़ता और इच्छाशक्ति दर्शाता है। कठिनाइयों का सामना करके ही उनसे पार पाया जा सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ये कुछ तरीके हैं, जो इसमें मददगार हो सकते हैं। 
जागरूक रहना: हमेंअपनी कमजोरियों और मजबूत पक्षों के बारे में हमेशा पता लगाते रहना चाहिए। हमें अपनी कमियों को स्वीकार करना चाहिए और इसकी जड़ तक जाना चाहिए। उदाहरण के लिए कई लोगों को सार्वजनिक मंच पर बोलने में समस्या होती है। आमतौर पर यह आत्मविश्वास की कमी के कारण होता है। कई बार भाषा की समस्या भी वजह होती है। इसका आत्मनिरीक्षण जरूरी है और इसके कारणों का पता लगाना चाहिए। कारणों का पता लगाकर इन्हें दूर करने के तरीकों पर काम करना चाहिए। 
हल निकालना: जब एक बार अपनी कमजोरियों के कारणों का पता चल जाए, तो इसे कैसे दूर किया जा सकता है इस पर काम किया जाना चाहिए। इसके लिए सबसे कारगर उपायों के बारे में पता कर सकते हैं। यदि कम्युनिकेशन समस्या है, तो इसके लिए मौजूद स्टडी मटीरियल और वीडियो ट्यूटोरियल का सहारा लिया जा सकता है। कैमरे या आइने के सामने खड़े होकर बोलने की प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। इसके अलावा और भी क्या बेहतर कर सकते हैं यह पता करना चाहिए। 
बेहतर अभ्यास करनाकिसी भी समस्या का हल निकाल लेना ही काफी नहीं है। यदि अपनी कमजोरियों पर जीत हासिल करनी है, तो उपाय को रोज की जिंदगी में शामिल करना होता है। कई ग्रुप एक्टिविटीज़ में भाग लेने से आत्मविश्वास बढ़ता है। अपने परफॉर्मेंस को समय-समय पर परखना चाहिए। इससे आपको लगातार कोशिश करने के लिए प्रोत्साहन मिलता रहेगा। हां, आपका फोकस बेहतर नहीं सर्वश्रेष्ठ करने पर ही होना चाहिए। 
ट्रेनिंग लेना: वर्तमान में ऐसी कोचिंग क्लासेस और ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित किए जा रहे हैं, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन मौजूद हैं। इसकी मदद से आप कम्युनिकेशन, लीडरशिप, इंटरपर्सनल या वोकेशनल स्किल मजबूत कर सकते हैं। इनकी मदद से आप अपनी कमजोरियों को मजबूत पक्ष में बदल सकते हैं। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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