Monday, October 16, 2017

केंद्र ने शिक्षा प्रेरकों का अनुबंध बढ़ाया: हरियाणा ने फेरी आंखें, दस माह से वेतन तक नहीं

साभार: जागरण समाचार 
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय के परिपत्र के बाद राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों ने शिक्षा प्रेरकों की अनुबंध अवधि में बढ़ोतरी कर दी, लेकिन हरियाणा में इन शिक्षा प्रेरकों को न तो दस माह का वेतन मिला और
न ही वे नौकरी बचा सके। हरियाणा सरकार ने शिक्षा प्रेरकों को जून में ही नौकरी से हटा दिया था। अब यह शिक्षा प्रेरक अपना अनुबंध बढ़ाने का आग्रह राज्य सरकार से कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने फिलहाल चुप्पी साधी हुई है।
हरियाणा में 5200 शिक्षा प्रेरक कार्यरत थे, जिन्हें जून में बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। जून से पहले की करीब दस माह की अवधि का वेतन भी इन प्रेरकों का रुका हुआ है। इनमें सैकड़ों महिला शिक्षा प्रेरक शामिल हैं। 
प्रदेश भर के शिक्षा प्रेरक अपने रोजगार की चिंता में भिवानी में धरना भी दे रहे। दस दिन बीत जाने के बावजूद इन आंदोलनकारी शिक्षा प्रेरकों की अभी तक सुध नहीं ली गई है। शिक्षा प्रेरक संघ के राज्य प्रधान भगवत कौशिक के अनुसार हरियाणा सरकार ने 6 जून 2017 को बिना किसी नोटिस के शिक्षा प्रेरकों को हटाया था, जबकि केंद्र सरकार द्वारा प्रेरकों की सेवा का विस्तार 31 दिसंबर तक दे दिया गया है।
हटाए गए शिक्षा प्रेरकों के सामने रोजी रोटी के लाले पड़े हुए हैं। शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने सत्ता में आने से पूर्व शिक्षा प्रेरकों से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद शिक्षा प्रेरकों को पक्का किया जाएगा, लेकिन सरकार यह वादा तो भूली ही, साथ ही उन्हें हटाने का भी काम कर दिया। कौशिक के अनुसार शिक्षा प्रेरकों को मात्र दो हजार रुपये मानदेय मिलता है। उसे भी अब बंद कर दिया। दस माह की रुकी हुई राशि बीस हजार रुपये बनती है।
2600 शिक्षा केंद्रों के लिए हुई थी नियुक्तियां: प्रदेश भर में करीब 2600 शिक्षा केंद्र चलाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से स्कूल छोड़ चुके या अनपढ़ या बुजुर्ग बच्चों को पढ़ाया जाता है। हर केंद्र पर दो शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति कर उन्हें दो हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। हरियाणा में 5200 शिक्षा प्रेरक नियुक्त किए गए थे। भिवानी में 806, जींद में 517, फरीदबाद में 200, गुरुग्राम में 285, कैथल में 524, हिसार में 508, फतेहाबाद में 445, सिरसा में 423, महेंद्रगढ़ में 519, करनाल में 730 प्रेरक नियुक्त हैं। इन प्रेरकों को 10 माह से मानदेय नहीं दिया गया और केंद्रों पर होने वाला 2250 रुपए का खर्च पिछले 55 माह से नहीं भेजा गया।