Friday, December 8, 2017

संसद में सवाल पूछने के बदले नकद मामले में 11 पूर्व सांसदों पर आरोप तय

साभार: जागरण समाचार 
संसद में सवाल पूछने के बदले रुपये लेने के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने 11 पूर्व सांसदों पर भ्रष्टाचार व आपराधिक साजिश के तहत आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट के विशेष न्यायाधीश किरन बंसल ने 11 सांसदों व एक
अन्य के खिलाफ आरोप तय किए हैं। इन पूर्व संसद सदस्यों में से 10 लोकसभा और एक राज्यसभा से थे। 12 जनवरी से सभी के खिलाफ बहस शुरू होगी। कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए 10 अगस्त की तारीख तय की थी, लेकिन आरोपियों के पेश न होने के कारण आरोप तय नहीं हो पा रहे थे।
कोर्ट ने एक अन्य व्यक्ति रवींद्र कुमार के खिलाफ भी आरोप तय किए हैं। एक अन्य आरोपी विजय फोगाट की मौत के कारण उनके खिलाफ सुनवाई बंद कर दी है। विजय फोगाट पर बिचौलिया होने का आरोप था।
हाई कोर्ट ने यह दिया था आदेश: हाई कोर्ट ने 2007 में दिल्ली पुलिस को अपराध में शामिल सभी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। वहीं भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत अपराध को बढ़ावा देने के लिए दो पत्रकारों को भी आरोप पत्र में नामित किया गया था। कोर्ट ने यह कहते हुए उनके खिलाफ मामला रद कर दिया कि ऐसे में स्टिंग करने के लिए किसी पर भी मुकदमा चलाने को बढ़ावा मिलेगा।
संसद ने किया बर्खास्त: इस स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद पवन कुमार बंसल कमेटी बनाई गई। इसकी रिपोर्ट के आधार पर निचले सदन के तत्कालीन नेता प्रणब मुखर्जी ने दागी सांसदों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव रखा। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में यही प्रस्ताव रखा। इन प्रस्तावों पर पार्टियों के बीच लंबी बहस चली। भाजपा, बसपा और समाजवादी पार्टी सांसदों के निष्कासन के खिलाफ थीं। भाजपा ने मामले में वोट नहीं किया। आखिरकार सांसदों की सदस्यता खत्म कर दी गई।
यह था मामला: 12 दिसंबर 2005 को एक निजी न्यूज चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन ‘दुर्योधन’ में 11 सांसदों को संसद में सवाल उठाने के बदले में नकद स्वीकार करते दिखाया था। 23 दिसंबर 2005 को संसद ने एक ऐतिहासिक वोटिंग में 11 सांसदों को निष्कासित करने के लिए मतदान किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने भी माना गुनहगार: बर्खास्त हुए सांसदों ने संसद के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। जनवरी, 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने संसद के फैसले को बरकरार रखा।
तत्कालीन सांसद जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए: 
नाम>>पार्टी>>विधानसभा क्षेत्र>>रिश्वत (रुपये में)
  1. छत्रपाल सिंह लोढ़ा>>भाजपा>>ओडिशा, (राज्य सभा)>>15 हजार
  2. नरेंद्र कुशवाहा>>बसपा>>मिर्जापुर (उत्तरप्रदेश)>>55 हजार
  3. अन्नासाहेब एम के पाटिल>>भाजपा>>एरांडोल (महाराष्ट्र)>>45 हजार
  4. वाईजी महाजन>>भाजपा>>जलगांव (महाराष्ट्र)>>35 हजार
  5. मनोज कुमार>>राजद>>पलामू (झारखंड)>>1.10 लाख
  6. सुरेश चंदेल>>भाजपा>>हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश)>>30 हजार
  7. राजा रामपाल>>बसपा>>बिल्हौर (उत्तर प्रदेश)>>35 हजार
  8. लालचंद्र कोल>>भाजपा>>रॉबर्ट्सगंज (उत्तर प्रदेश)>>35 हजार
  9. प्रदीप गांधी>>भाजपा>>राजनंदगांव (छत्तीसगढ़)>>55 हजार
  10. चंद्रप्रताप सिंह>>भाजपा, >>सीधी (मध्य प्रदेश)>>35 हजार
  11. रामसेवक सिंह>>कांग्रेस>>ग्वालियर (मध्य प्रदेश)>>50 हजार