Tuesday, December 5, 2017

चांदीमल और मैथ्यूज ने श्रीलंका को फॉलोऑन से बचाया, पर अभी नहीं टला हार का खतरा

साभार: जागरण समाचार 
कप्तान दिनेश चांदीमल और पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज के शानदार शतकों की बदौलत श्रीलंका की टीम भारत के खिलाफ यहां फिरोजशाह कोटला मैदान पर तीसरे व अंतिम टेस्ट के तीसरे दिन सोमवार को फॉलोऑन
बचाने में सफल रही। चांदीमल ने 341 गेंदों पर 18 चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 147 रन बनाए, जबकि मैथ्यूज 268 गेंदों पर 14 चौकों व दो छक्कों के सहारे 111 रन बनाकर आउट हुए। इन दोनों की पारियों के दम पर श्रीलंका ने स्टंप तक नौ विकेट पर 356 रन बनाए। हालांकि, अभी भी श्रीलंका की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं, क्योंकि भारत के पहली पारी के स्कोर सात विकेट पर 536 रन से वह 180 रन पीछे है और उसका सिर्फ एक ही विकेट बाकी है।  
तीन मिनट तक रुका खेल: श्रीलंकाई टीम सुबह तीन विकेट पर 131 रन से आगे खेलने उतरी। हालांकि, रविवार की तरह ही प्रदूषण की वजह से सोमवार को भी सुबह हालात काफी अच्छे नहीं थे। श्रीलंकाई खिलाड़ियों पर इसका असर दिखा। दिन के खेल के शुरुआती आधे घंटे के बाद ही चांदीमल ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की, जिसके कारण लगभग तीन मिनट तक खेल रुका रहा। हालांकि, दोपहर होते-होते स्थिति कुछ बेहतर हो गई।
संभलकर की शुरुआत: मैथ्यूज और चांदीमल ने सुबह काफी संभलकर बल्लेबाजी की और सुबह के सत्र में 26.3 ओवर के खेल में सिर्फ 61 रन जोड़े। हालांकि, पहले सत्र में भारतीय गेंदबाजों को कोई सफलता नहीं मिली। मैथ्यूज ने सोमवार को 57 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाई। उन्होंने मुहम्मद शमी (2/74) की गेंद पर दिन का पहला चौका जड़ा। चांदीमल ने बायें हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा (2/85) पर चौके के साथ 54वें ओवर में श्रीलंका का स्कोर 150 रन के पार पहुंचाया। उन्होंने शमी पर चौका जड़कर सीरीज में लगातार तीसरा अर्धशतक पूरा किया। 
मैथ्यूज को मिले कई जीवनदान: दूसरे सत्र में भी धीमी बल्लेबाजी का सिलसिला जारी रहा। श्रीलंकाई टीम ने 31 ओवर में सिर्फ 78 रन जोड़े और एकमात्र विकेट मैथ्यूज के रूप में गंवाया। लंच के बाद मैथ्यूज जब 93 रन पर थे तो उन्हें जीवनदान मिला। जडेजा की नीची रहती गेंद मैथ्यूज के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के पैरों के बीच में से चार रन के लिए चली गई। भारत ने 81वें ओवर के बाद दूसरी नई गेंद ली तो इशांत शर्मा (2/93) की पहली ही गेंद ने मैथ्यूज के बल्ले का बाहरी किनारा लिया, लेकिन दूसरी स्लिप में रोहित शर्मा ने आसान कैच टपका दिया। इस बार मैथ्यूज 98 रन पर थे। इशांत की गेंद पर ही रविवार को कोहली ने भी मैथ्यूज को जीवनदान दिया था। मैथ्यूज ने इसी ओवर में दो रन लेकर 231 गेंदों पर अपना आठवां टेस्ट शतक पूरा किया। मैथ्यूज जब 104 रन पर थे तो जडेजा की गेंद पर स्थानापन्न खिलाड़ी विजय शंकर मिडऑफ पर उनका कैच लपकने में नाकाम रहे। हालांकि, ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (3/90) चाय से ठीक पहले मैथ्यूज को साहा के हाथों लपकवाने में सफल हुए। मैथ्यूज ने चांदीमल के साथ चौथे विकेट के लिए 79.2 ओवर में 181 रन की साङोदारी की।
समरविक्रमा का मिला साथ: तीसरा सत्र पूरी तरह से भारत के पक्ष में रहा। इस सत्र में श्रीलंका ने 28 ओवर में 86 रन बनाए, लेकिन भारतीय टीम पांच विकेट लेने में सफल रही। चांदीमल ने अश्विन की गेंद पर एक रन के साथ 265 गेंद में दसवां टेस्ट शतक पूरा किया। सदीरा समरविक्रमा (33) ने आते ही जडेजा पर लगातार दो चौके जड़े। उन्होंने अश्विन पर भी दो चौके लगाए। चांदीमल ने जडेजा पर चौका जड़कर टीम के स्कोर का 111वें ओवर में 300 रन के पार पहुंचाया। जल्द ही इशांत की ऑफसाइड से बाहर जाती गेंद पर समरविक्रमा बल्ला अड़ा बैठे और साहा ने दायीं और गिरते हुए शानदार कैच लपक लिया। समरविक्रमा ने चांदीमल के साथ पांचवें 61 रन की साङोदारी निभाई।