Tuesday, December 5, 2017

आतंकवाद पर अमेरिका का सख्त रुख: आतंकियों को खत्म करे पाक, नहीं तो हम करेंगे

साभार: जागरण समाचार 
अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस सोमवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंच गए। वहां उन्होंने कहा, पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व को उन आतंकी संगठनों के खात्मे के प्रयास बढ़ाने होंगे जो
सीमा पार अफगानिस्तान में हमले करते हैं। जबकि वाशिंगटन में खुफिया संस्था सीआइए के प्रमुख माइक पोंपिओ ने कहा, पाकिस्तान अगर आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई नहीं करता है तो अमेरिका खुद उन अड्डों को नष्ट करेगा। आतंकवाद के खात्मे के लिए अमेरिका सब कुछ करेगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति के सौ दिन गुजर जाने के बाद अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी मुहिम को अभी सीमित सफलता ही मिली है। यह साफ नहीं है कि यह मुहिम सफलता की ओर कैसे बढ़ेगी। अमेरिकी अधिकारी इस बात से नाराज हैं कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के आतंकी पाकिस्तान की धरती का सुविधानुसार इस्तेमाल कर रहे हैं। 
वहां से तैयार होकर वे मर्जी के मुताबिक अफगानिस्तान में हमला करते हैं। यात्र से पूर्व रक्षा मंत्री मैटिस ने कहा कि हमने पाकिस्तानी नेताओं के मुंह से सुना है कि वे आतंकवाद का समर्थन नहीं करते। हम चाहते हैं कि वे ऐसा ही जमीन पर करके दिखाएं। यह उनके भी हित में होगा। इससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता का वातावरण बनेगा। 
उनकी यात्र का उद्देश्य आतंकवाद से लड़ाई में पाकिस्तान को साथ लाना है। रक्षा मंत्री के रूप में मैटिस पहली बार पाकिस्तान पहुंचे हैं।
नई अमेरिकी नीति का किया एलान: बीते अगस्त में राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगानिस्तान को लेकर नई अमेरिकी नीति का एलान किया था। उसमें पाकिस्तान की भूमिका को लेकर सख्त टिप्पणियां की गई थीं जबकि भारतीय भूमिका की प्रशंसा की गई थी। अमेरिका पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीति में बदलाव चाहता है। लेकिन अभी तक अमेरिका को अपने उद्देश्य में सफलता नहीं मिली है। अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिका के शीर्ष जनरल जॉन निकल्सन ने बीते हफ्ते ही कहा है कि पाकिस्तान को हम सीधे और स्पष्ट तौर पर बताना चाहते हैं कि जमीनी हालात में कोई बदलाव नहीं आया है। आतंकी पाकिस्तान सीमा के भीतर बेरोक-टोक अपना काम कर रहे हैं।