साभार: भास्कर समाचार
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के मुद्दे पर चीन और पाकिस्तान को झटका देते हुए रूस ने एक बार फिर भारत का समर्थन किया है। रूस ने कहा, एनएसजी ग्रुप में सदस्यता के लिए भारत और
पाकिस्तान के आवेदन की तुलना नहीं की जा सकती है। रूस के उपविदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर से कहा कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान के आवेदन को लेकर एकमत नहीं है और ऐसा ही भारत के साथ भी है। एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन रूस ने ऐसे समय में किया है जब चीन इस मामले में भारत का कड़ा विरोध कर रहा है। रूसी विदेश मंत्री ने कहा, हमने एनसीजी में भारत संभावित की सदस्यता के बारे में बात की। रूस हमेशा से भारत की सदस्यता के समर्थन में रहा है। भारत की विश्वसनीयता पर किसी को कोई शक नहीं है।
मिल सकती है वासनर व्यवस्था की सदस्यता: सर्जेई रयाबकोव ने कहा कि यदि सब कुछ अच्छा रहा, तो भारत को वासनर व्यवस्था की सदस्यता मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि वासनर व्यवस्था पारंपरिक हथियार, दोहरे इस्तेमाल की वस्तुओं और प्रौद्योगिकी के लिए एक अहम निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है जो हथियारों के अप्रसार को लेकर है। यह पहली बार नहीं है, जब रूस ने इस मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है। इससे पहले भारत ने इस मुद्दे पर रूस से संपर्क साधा था और तब वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भरोसा दिलाया था कि उनका देश इस मसले पर चीन के साथ बात करेगा।
पाक भी चाहता है सदस्यता: एनएसजीमें भारत की सदस्यता की राह में सिर्फ चीन ही रोड़ा अटकाता रहा है। इस साल की शुरूआत में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ रूसी विदेश मंत्री की हुई बैठक में भारत ने रूस को चीन को समझाने को कहा था। पाकिस्तान भी एनसीजी में सदस्यता चाहता है लेकिन चीन को छोड़कर ज्यादा देश इसके विरोध में है।
पाक भी चाहता है सदस्यता: एनएसजीमें भारत की सदस्यता की राह में सिर्फ चीन ही रोड़ा अटकाता रहा है। इस साल की शुरूआत में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ रूसी विदेश मंत्री की हुई बैठक में भारत ने रूस को चीन को समझाने को कहा था। पाकिस्तान भी एनसीजी में सदस्यता चाहता है लेकिन चीन को छोड़कर ज्यादा देश इसके विरोध में है।
भारत ने हमेशा किया न्याय: सर्जेईरयाबकोव ने कहा, भारत ने परमाणु अप्रसार संधि के साथ हमेशा न्याय किया है। उसका शानदार रिकॉर्ड रहा है। जबकि अगर पाकिस्तान की बात कही जाए तो एनसीजी की सदस्यता के लिए परमाणु अप्रसार की जो योग्यता चाहिए वो पाकिस्तान उस कसौटी पर खरा नहीं उतरता।