Monday, December 4, 2017

विशेष रिपोर्ट: किम जोंग के कार्यकाल में उत्तर कोरिया और बेहाल

साभार: जागरण समाचार 
कभी हाइड्रोजन बम के विस्फोट तो कभी 10 हजार से भी ज्यादा दूरी तक मार करने वाले बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण। इनसे आप धोखा मत खाइये। उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग-उन ने अपने पिछले
छह वषों के कार्यकाल में घातक हथियारों का जखीरा जुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन इससे उसके देश की जनता भी आर्थिक तौर पर दशकों पीछे चली गई है। उत्तर कोरिया की आम जनता के पास राजनीतिक और धार्मिक अधिकार पहले भी नहीं थे लेकिन अब आबादी के बड़े हिस्से के पास दो जून की किमची (कोरियाई पारंपरिक खाना) भी नसीब नहीं हो रही है। सैनिक तानाशाह की तमाम अड़चनों और खतरे के बावजूद जान जोखिम में डाल कर सीमा पार कर उत्तर कोरिया आने वालों की संख्या कम नहीं है। हालात का फायदा उठाने के लिए कई गिरोह भी सक्रिय हैं जो उत्तर कोरिया की गरीब लड़कियों की शादी चीन के बूढ़ों या चीन के ग्रामीण युवाओं से करवा कर रहे हैं।
ग्रामीण चीन की स्थिति बहुत उत्साहजनक नहीं है लेकिन ये लड़कियां उत्तर कोरिया के कष्टपूर्ण जिंदगी से बाहर आने के लिए वह भी कर रही हैं। दैनिक जागरण ने दक्षिण कोरिया में उत्तर कोरिया से किसी भी तरह से भाग कर आये तीन ऐसे ही शरणार्थियों से बात की है। दक्षिण कोरिया सरकार के पास जो आंकड़े हैं वह बताते हैं कि पिछले दस वषों में उत्तर कोरिया से भाग कर दक्षिण कोरिया आने वाले शरणार्थियों की संख्या 30 हजार को पार कर चुकी है। पिछले तीन-चार वषों में हर वर्ष यहां आने वाले शरणार्थियों की संख्या में कमी आई है। लेकिन यह इसलिए नहीं हुआ है कि वहां हालात सुधर रहे हैं बल्कि सैनिक तानाशाह ने चीन से लेकर दक्षिण कोरिया तक की सीमा पर बड़ी संख्या में बारूदी सुरंगें बिछा दी हैं। साथ ही सीमा पर तार के बड़े-बड़े जाल बिछाये जा रहे हैं। सीमा पार करने की कोशिश में पकड़े जाने वालों के पूरे परिवार को बेहद कठोर सजा दी जा रही है। इसके बावजूद वर्ष 2016 में 1418 लोग जान जोखिम में डाल कर और कई बार गोलियों की बौछारों के बीच दक्षिण कोरिया की सीमा में घुसने में कामयाब रहे हैं। 
उत्तर कोरिया से आने वाली शरणार्थियों को बसाने का काम करने वाली एक एजेंसी के जरिए दैनिक जागरण जब इन शरणार्थियों से बात की तो वहां के अंदरूनी हालात के कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए। सून पार्क (काल्पनिक नाम) ने चार वर्ष पहले उत्तर कोरिया से भाग कर चीन में शरण ली लेकिन वहां जब पहले से गई लड़कियों की हालात देखी तो फिर दक्षिण कोरिया आ गई। वह बताती हैं कि चीन के ग्रामीण इलाको में शादी योग्य लड़कियों की कमी है इसलिए ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो उत्तर कोरिया की लड़कियों की शादी वहां कराते हैं और मोटी कमाई करते हैं। इन लड़कियों के पास कोई चारा नहीं है। कई मामले में ये उत्तर कोरिया को छोड़ने के लिए चीन के बूढ़ों से शादी कर लेती हैं। सिर्फ चीन ही नहीं, इन लड़कियों को लाओस, वियतनाम और थाईलैंड भी पहुंचाया जा रहा है। सून पार्क को कई वषों बाद पता चला कि उनके आने के बाद उनकी मां को बंधक बना कर रखा गया है और वह किस स्थिति में हैं इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सिर्फ 20 वर्ष की आयु में उत्तर कोरिया से भाग कर दक्षिण कोरिया आये एक युवक ने बताया कि स्कूलों मे कोई आधुनिक शिक्षा नहीं दी जाती।