Tuesday, December 5, 2017

मेडिकल कॉलेज भर्ती मामले में संस्थानों के अलग अलग जवाब; हाई कोर्ट ने तलब किया शिक्षा सचिव को

साभार: भास्कर समाचार
पंडित बी डी शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी रोहतक के मेडिकल कॉलेजों में पिछले दिनों हुई भर्तियों को लेकर चिकित्सा संस्थानों के अलग-अलग जवाब मिलने पर हाईकोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा सचिव को तलब किया है। जस्टिस
अनमोल रतन सिंह की अदालत ने कहा कि 7 दिसंबर को चिकित्सा शिक्षा सचिव खुद अदालत में पेश हों। वे स्पष्ट करें, एक ही केस में विभाग ने दो अलग-अलग जवाब कैसे हैं। हेल्थ यूनिवर्सिटी रोहतक और कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल की ओर से जवाब दिया गया कि वे अब इस भर्ती की लिखित परीक्षा नहीं करवा सकते। भविष्य में इस बात काे ध्यान में रखा जाएगा। वहीं, बीपीएस खानपुर कॉलेज सोनीपत ने कहा कि वे लिखित परीक्षा करवाएंगे। इस पर दूसरे पक्ष ने ऐतराज जताया कि मेडिकल संस्थानों की भर्ती प्रक्रिया अलग-अलग कैसे हो सकती है। हालांकि हेल्थ यूनिवर्सिटी रोहतक ने तर्क दिया कि वे ऑटोनोमस बॉडी है।  
अदालत में सोमवार को मेडिकल कॉलेजों में हुई भर्तियों का केस सुनवाई के लिए रखा गया। हेल्थ यूनिवर्सिटी में पिछले महीनों हुई कर्मचारियों की भर्ती पर सवाल उठाते हुए कई याचिकाएं दायर हुई। अधिकतर ने कहा कि नर्सिंग को छोड़कर बाकी किसी कैटेगरी में लिखित परीक्षा नहीं हुई। मनमानी से निजी कंपनी ने मेरिट लिस्ट बनाई। इस मामले में हेल्थ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को पेश होना था। उनकी जगह संस्थान के अनुबंधित कर्मचारी बीआर शर्मा अदालत में पेश हुए। इसके अलावा विवि की एडीए अंजू कटारिया भी मौजूद रही। विवि ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भर्ती हो चुकी है। इन चयनों में बदलाव नहीं कर सकते। इसलिए लिखित परीक्षा नहीं कराई जा सकती। भविष्य में लिखित परीक्षा से भर्ती करने का ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा हेल्थ यूनिवर्सिटी ऑटोनोमस बॉडी है।