Monday, December 4, 2017

पैन व आधार जोड़ने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा, कर चोरी रोकने को फर्जी पैन नंबर रद कर देगी सरकार

साभार: जागरण समाचार 
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय पक्ष में आने पर केंद्र सरकार पैन नंबर और आधार को जोड़ने के लिए पर्याप्त समय देगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सरकार इसके लिए तीन से छह महीने का समय दे सकती है। इस समयसीमा
के बाद भी पैन को आधार से नहीं जोड़ने वाले लोगों के पैन रद किए जाएंगे। ऐसा होने से सभी जाली पैन व्यवस्था से बाहर हो जाएंगे और बेनामी लेनदेन स्वत: समाप्त हो जाएंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में आधार की अनिवार्यता पर सुनवाई चल रही है। 
अभी पैन को आधार से जोड़ने के लिए आयकर विभाग ने 31 दिसंबर की अंतिम तारीख निर्धारित की है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस समयसीमा को 31 मार्च 2018 तक बढ़ाने की बात कही है। अधिकारी ने बताया कि यदि सुप्रीम कोर्ट आधार और पैन लिंकिंग को अनिवार्य करने के सरकार के कदम के पक्ष में फैसला देता है तो तीन से छह महीने का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है। सभी पैनधारक इस अवधि में अपने पैन को आधार से जोड़ सकेंगे। नवंबर के आखिर तक देश में 33 करोड़ पैन में से 13.28 करोड़ पैन आधार से जोड़े जा चुके हैं। अधिकारी ने कहा, ‘पैन और आधार को जोड़ने के इस कदम का लक्ष्य जाली पैन को व्यवस्था से हटाना है। कुछ लोगों ने कर चोरी के लिए एक से ज्यादा पैन बनाए हुए हैं। आखिरी तारीख तक भी जो पैन आधार से नहीं जुड़े होंगे, उन्हें अवैध करार दे दिया जाएगा।’ आयकर रिटर्न भरने और नया पैन पाने के लिए सरकार आधार को अनिवार्य कर चुकी है। अधिकारी ने बताया कि जाली पैन अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा हैं। जाली पैन बनवाने वाले लोग इनकी मदद से बैंक खाते खोलते हैं और कर चोरी करते हैं। ऐसे लोग बड़े लेनदेन भी करते हैं और रिटर्न भी नहीं भरते। सरकार आधार से नहीं जुड़ने वाले सभी जाली पैन रद करना चाहती है। इससे बेनामी लेनदेन पर भी लगाम लग जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में इस समय आधार को बैंक खाते, मोबाइल नंबर, पैन और कई सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य करने को लेकर सुनवाई चल रही है। जरूरत पड़ने पर सर्वोच्च अदालत संविधान पीठ भी गठित कर सकती है।